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गांव में कब्रिस्तान होता है,तो शमशान भी होना चाहिए


हाल ही में श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बयान दिया जिससे सियासी पार्टियां इस तरह से बौखला गई है जैसी उन पर कोई पहाड़ टूट पड़ा है उन्होंने सिर्फ हकीकत बताते हुए कहा कि "यदि गांव में कब्रिस्तान होते हैं तो शमशान भी होने चाहिए" उन्होंने क्या गलत कहा ? एक तरह से देखा जाए तो इस चुनाव में सभी पार्टियां धर्म की राजनीति कर रहे हैं जहां मुलायम सिंह का बयान है कि "मैंने मुस्लिमों के लिए हिंदू पर गोली चलवाई" क्या यह बयान समाज में अस्थिरता नहीं लाता है पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं । इसी तरह की अन्य पार्टियां चुनाव में धर्म की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो पहले चुनाव आयोग में शिकायत करने की बात कही पर बाद में चुनाव आयोग जाने से मना कर दिया इसलिए क्योंकि उन्हें पता है इस तरह के बयान उनकी पार्टी व सपा पार्टी के नेता रोज देते हैं । मोदी जी ने एक बात और कही है कि जो सौ प्रतिशत सही है उत्तर प्रदेश में भेदभाव की राजनीति होती है वही  दिवाली पर कम बिजली तो ईद पर ज्यादा क्यों ? हिंदू  त्यौहार में मोबाइल का टैरिफ काम नहीं करता लेकिन किसी भी मुस्लिम त्यौहार में ऐसा नहीं होता है क्या यह राजनीतिक का अच्छा स्तर है जहां सरकार दो धर्मों में से किसी एक धर्म को विशेष संरक्षण देती हो।
             
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  यह मानवता के खिलाफ है यदि राजनीति का स्तर यही रहा तो आम जनता को कितनी परेशानी होगी जिससे हम सोच भी नहीं सकते हैं। किसी ने ठीक ही कहा कि
   
         "न हिन्दू बनेगा तू ,न मुसलमान बनेगा,
            इंसान का औलाद हैं, इंसान बनेगा "
दोस्त यदि हम लोगो इंसान के तरह ही रहे तो अच्छा होगा वरना .........................................................

यह सच हैं आज भी हिन्दू मुस्लिम में एकता हैं पर कुछ राजनीतिक कारणों से लोगों को एक दूसरे लड़ाया जा रहा हैं यदि राजनीति से ऊपर उठकर देखें तो "रमजान में राम और दिवाली में अली" का नाम आता हैं । और हिन्दुस्तान में कई जगह का हिन्दू मुस्लिम एकता का मिशाल दिया जाता हैं।

यह शब्द आपकी जिंदगी बदल देंगे....
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कांस्टेबल का लड़का सबका चहेता कैसे ? 

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